गिलोय के औषधीय गुण, फायदे और नुकसान : जानें ये कारण


गिलोय पीने से क्या लाभ होता है?

गिलोय के औषधीय गुण, फायदे और नुकसान : जानें ये कारण

    यह एक पौधे की जड़ी होती है जो भारत में पायी जाती है और आयुर्वेदिक चिकित्सा में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इसे "अमृता" के नाम से भी जाना जाता है, जिसका मतलब होता है "अमरता," क्योंकि इसके सेवन से बीमारियों से लड़ने की क्षमता को मजबूत किया जाता है। गिलोय का पौधा विशाल, लता युक्त, और लगभग 20 फीट तक लम्बा होता है। इसके पत्ते हृदय के आकार के होते हैं, और इसके फूल हरे-भरे होते हैं। गिलोय, जिसे अंग्रेजी में Tinospora Cordifolia के नाम से जाना जाता है, एक पौधे की जड़ी होती है जिसे आयुर्वेदिक चिकित्सा में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। गिलोय के सेवन से कई स्वास्थ्य लाभ हो सकते हैं जैसे : इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है,अंटी-इंफ्लेमेटरी गुण, डेटॉक्सिफिकेशन और बी बहुत से लाभ है 

    गिलोय कितने रोगों मे काम आ सकता है

    गिलोय के औषधीय गुण, फायदे और नुकसान : जानें ये कारण

    गिलोय, जिसे अंग्रेजी में Tinospora Cordifolia के नाम से जाना जाता है, एक पौधे की जड़ी होती है जो भारत में पायी जाती है और आयुर्वेदिक चिकित्सा में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इसे "अमृता" के नाम से भी जाना जाता है, जिसका मतलब होता है "अमरता," क्योंकि इसके सेवन से बीमारियों से लड़ने की क्षमता को मजबूत किया जाता है। गिलोय का पौधा विशाल, लता युक्त, और लगभग 20 फीट तक लम्बा होता है। इसके पत्ते हृदय के आकार के होते हैं, और इसके फूल हरे-भरे होते हैं। गिलोय का सेवन सावधानीपूर्वक और चिकित्सक की सलाह के साथ करना चाहिए, क्योंकि इसके सेवन में उचित मात्रा और तरीके का पालन करना महत्वपूर्ण होता है। यह बहुत सी बिमारियो मे काम आता है  

    1. इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में

    गिलोय इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में कैसे मदद करती है, यह जानने से पहले हमें यह समझना आवश्यक है कि इम्यून सिस्टम कैसे काम करता है। इम्यून सिस्टम शरीर की सुरक्षा प्रणाली होती है जो बिना देखे इन्फेक्शन्स और बीमारियों से लड़ने में मदद करती है। यह विभिन्न प्रकार के कैमिकल्स और सेल्स के माध्यम से कार्य करता है। गिलोय में ऐसे एक्टिव कैमिकल्स होते हैं जो शरीर के इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में मदद करते हैं। ये एंटीऑक्सीडेंट्स और इम्यूनोमोडुलेटिंग स्टीरॉयड्स की तरह कार्य करते हैं। गिलोय के एक्टिव कैमिकल्स इंफेक्शन्स के खिलाफ शरीर की रक्षा करने में मदद कर सकते हैं, जिससे इंफेक्शन का संवादन बढ़ सकता है। गिलोय में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो शरीर के इंफ्लेमेशन को कम करके इम्यून सिस्टम को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। गिलोय में एंटीऑक्सीडेंट्स भी होते हैं, जो की फ्री रेडिकल्स के खिलाफ लड़कर शरीर को स्वस्थ रखने में मदद कर सकते हैं।इसके अलावा, गिलोय का सेवन इम्यून सिस्टम को स्वस्थ रखने के साथ-साथ स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज में भी मदद कर सकता है, और शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में योगदान कर सकता है।

    2.इंफेक्शन्स का इलाज करती हैं

    गिलोय इंफेक्शन्स के इलाज में मदद करने में कैसे काम करती है, यह जानने से पहले हमें यह समझने की आवश्यकता है कि इंफेक्शन्स क्या होते हैं। इंफेक्शन्स एक प्रकार की बीमारियाँ होती हैं जो वायरस, बैक्टीरिया, या अन्य कीटाणुओं के कारण होती हैं और शरीर के विभिन्न हिस्सों को प्रभावित कर सकती हैं। गिलोय में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स और इम्यून सिस्टम को मजबूत करने वाले कैमिकल्स होते हैं, जिनसे शरीर इंफेक्शन्स के खिलाफ ज्यादा प्रतिरक्षा कर सकता है। गिलोय इंफेक्शन्स के कारण होने वाली कई सारी बीमारियों के खिलाफ शरीर की रक्षा कर सकता है और इंफेक्शन के प्रति संवादन बढ़ा सकता है। गिलोय का सेवन इंफेक्शन के इलाज के दौरान होने वाले साइड इफेक्ट्स को कम करने में मदद कर सकता है, जैसे कि बुखार, थकान, और उबकाई को कम करना। गिलोय प्राकृतिक और सुरक्षित होता है और इंफेक्शन्स के इलाज में बिना किसी जोखिम के प्रयोग किया जा सकता है। गिलोय का सेवन इंफेक्शन के इलाज के रूप में बिना किसी और दवाई के साथ चिकित्सक की सलाह पर आधारित होना चाहिए, और यह हमेशा इलाज के साथ ही किया जाना चाहिए।

    3.डायबिटीज कंट्रोल करती हैं

    गिलोय (Tinospora Cordifolia) डायबिटीज कंट्रोल करने में कैसे मदद करती है, इसके पीछे कुछ कैमिकल्स और प्रक्रियाएँ होती हैं गिलोय का सेवन इंसुलिन सेंसिटिविटी को बढ़ा सकता है, जिससे शरीर की क्षमता बढ़ती है कि इंसुलिन को प्रभावी तरीके से प्रयोग करें। यह रक्त शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है। गिलोय का सेवन अच्छे (HDL) चोलेस्ट्रॉल को बढ़ावा देता है और बुरे (LDL) चोलेस्ट्रॉल को कम कर सकता है, जिससे डायबिटीज के साथ जुड़े साथी रोगों की समस्या को कम किया जा सकता है। गिलोय में अंटी-ऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो शरीर को फ्री रेडिकल्स से बचाने में मदद करते हैं और डायबिटीज के उत्पन्न होने वाले उत्थान को कम कर सकते हैं। गिलोय के बिना, पैनक्रिएटिक का कार्य कमजोर हो सकता है, जिससे इंसुलिन उत्पन्न करने में कठिनाइयाँ हो सकती हैं। गिलोय का सेवन पैनक्रिएटिक को स्वस्थ बनाए रखने में मदद कर सकता है। गिलोय का सेवन रक्त शर्करा के स्तर को कम करके डायबिटीज को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। गिलोय का सेवन डायबिटीज से जुड़े इंफेक्शन्स के इलाज में भी किया जा सकता है। गिलोय का सेवन किसी भी रूप में डायबिटीज के इलाज के रूप में खुद के सर्वोत्तम फैसले के बाद और चिकित्सक की सलाह के साथ ही किया जाना चाहिए, क्योंकि हर व्यक्ति का शारीरिक स्वास्थ्य विभिन्न होता है 

    4.गिलोय ज्वर (बुखार) में कैसे मदद करती है

    गिलोय (Tinospora Cordifolia) ज्वर (बुखार) में मदद कैसे करती है, इसके पीछे कुछ तरीके और कैमिकल्स होते हैं जो ज्वर के इलाज में मदद कर सकते हैं गिलोय में पाए जाने वाले कैमिकल्स इंफेक्शन के खिलाफ शरीर की रक्षा करते हैं, जिससे ज्वर के प्रति संवादन बढ़ सकता है। गिलोय का सेवन रोके हुए इंफेक्शन के फैलने को कम कर सकता है और शरीर को बुखार के साथ जुड़े अन्य सिम्पटम्स को कम करने में मदद कर सकता है। गिलोय में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो ज्वर के साथ जुड़े इंफ्लेमेशन को कम कर सकते हैं, जिससे आपकी तबियत बेहतर हो सकती है। गिलोय इम्यून सिस्टम को मजबूत करके ज्वर के खिलाफ लड़ने में मदद कर सकता है, जिससे आपके शरीर की रक्षा प्रणाली को बेहतर किया जा सकता है। गिलोय का सेवन बुखार के उपचार में भी किया जाता है, और यह फीवर के साथ जुड़े साइक्लिक विषाक्ति के इलाज में भी प्रयोग होता है। गिलोय का सेवन ज्वर के इलाज के रूप में बिना किसी और दवाई के साथ चिकित्सक की सलाह पर आधारित होना चाहिए, और यह हमेशा इलाज के साथ ही किया जाना चाहिए।

    5.गिलोय रक्तचाप कंट्रोल में कैसे मदद करती है

    गिलोय (Tinospora Cordifolia) रक्तचाप (ब्लड प्रेशर) कंट्रोल करने में मदद कैसे करती है, इसके पीछे कुछ कैमिकल्स और प्रक्रियाएँ होती हैं जो रक्तचाप के नियंत्रण में मदद कर सकती हैं गिलोय दिल के स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करती है, जिससे रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। गिलोय का सेवन दिल से जुड़े संकेतों को कम करने में मदद कर सकता है, जैसे कि धड़कन की तेजी, डाइलेटेशन, और इस्केमिया। गिलोय का सेवन रक्तशर्करा (ब्लड ग्लूकोज) के स्तर को कम कर सकता है, जिससे रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। गिलोय में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो शरीर के इंफ्लेमेशन को कम करके रक्तचाप को कम कर सकते हैं। गिलोय का सेवन अच्छे (HDL) चोलेस्ट्रॉल को बढ़ा सकता है और बुरे (LDL) चोलेस्ट्रॉल को कम कर सकता है, जिससे रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। गिलोय का सेवन किसी भी रूप में रक्तचाप के इलाज के रूप में खुद के सर्वोत्तम फैसले के बाद और चिकित्सक की सलाह के साथ ही किया जाना चाहिए, क्योंकि हर व्यक्ति का शारीरिक स्वास्थ्य विभिन्न होता है

    6.पाचन संबंधित समस्याएं कैसे मदद करती है

    पाचन संबंधित समस्याएँ, जैसे कि पेट दर्द, अपच, गैस, एसिडिटी, और कब्ज, आमतौर पर खाने का प्रबंधन और पाचन प्रक्रिया में समस्याओं के कारण होती हैं। गिलोय, जिसे Tinospora Cordifolia के नाम से भी जाना जाता है, पाचन स्वास्थ्य को सुधारने में मदद कर सकता है गिलोय का सेवन अपच को कम करके पाचन प्रक्रिया को सुधार सकता है। यह पेट के सूजन, गैस, और बुरप को कम कर सकता है। गिलोय पेट दर्द को कम करने में मदद कर सकता है और पाचन प्रक्रिया को सुधार सकता है, जिससे आपकी तबियत बेहतर हो सकती है। गिलोय एसिडिटी को कम कर सकता है और पेट में जलन को शांति देने में मदद कर सकता है। गिलोय का सेवन कब्ज को दूर करने में मदद कर सकता है, क्योंकि यह आंतों को शुद्ध करने और पाचन प्रक्रिया को सुधारने में मदद कर सकता है। गिलोय का सेवन वजन को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है, क्योंकि यह पाचन को सुधारकर भोजन को अच्छी तरह से प्रबंधित करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, गिलोय पाचन संबंधित समस्याओं के उपचार में पुरानी जड़ी-बूटियों का एक महत्वपूर्ण घरेलू उपाय है और यह स्वस्थ पाचन प्रक्रिया को सुधारने में मदद कर सकता है।

    क्या गिलोय के साइड इफेक्ट होते हैं?

    गिलोय के औषधीय गुण, फायदे और नुकसान : जानें ये कारण

    गिलोय (Tinospora Cordifolia) एक प्राकृतिक औषधि है और सामान्यत: रूप से सेवन किया जाता है तो यह सामान्यत: रूप से सुरक्षित माना जाता है। हालांकि, कुछ लोगों को इसके सेवन से निम्नलिखित साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं:
    पेट की समस्याएँ: कुछ लोगों को गिलोय के सेवन से पेट संबंधित समस्याएँ जैसे कि उलटी, बेहोशी, या पेट में दर्द हो सकता है।
    धन्यता और घाव: कुछ लोगों को गिलोय के सेवन से धन्यता और घाव की समस्याएँ हो सकती हैं।
    आलर्जी: गिलोय के सेवन से कुछ लोगों को त्वचा आलर्जी या त्वचा के लाल दाने हो सकते हैं।
    उन्नत ह्रदय दर: गिलोय के सेवन से कुछ लोगों को ह्रदय की दर का उन्नत हो सकता है, जिसके परिणामस्वरूप ह्रदय से संबंधित समस्याएँ हो सकती हैं।
    हार्मोनल बदलाव: कुछ मामलों में, गिलोय का सेवन हार्मोन्स के स्तर में बदलाव पैदा कर सकता है, जिससे विभिन्न हार्मोनल समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं।
    कब्ज और अपाच: कुछ लोगों को गिलोय का सेवन से कब्ज और अपाच की समस्या हो सकती है।
    यदि आप गिलोय का सेवन करने का विचार कर रहे हैं, तो इसे चिकित्सक की सलाह पर आधारित करें, खासतर अगर आपके पास कोई निम्नलिखित समस्याएँ हैं:

    • ‌पेट संबंधित समस्याएँ 
    • धन्यता या घाव 
    • ‌त्वचा आलर्जी 
    • ‌ह्रदय संबंधित समस्याएँ 
    • ‌हार्मोनल समस्याएँ
    • ‌पाचन संबंधित समस्याएँ

    यह भी जरूरी है कि आप गिलोय की सही मात्रा और तरीके की सलाह लें, और यदि आपको किसी अनुभव किए जाने वाले साइड इफेक्ट्स का संकेत मिले तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।

    खाली पेट गिलोय पीने से क्या होता है?

    गिलोय के औषधीय गुण, फायदे और नुकसान : जानें ये कारण

    खाली पेट गिलोय पीने से कई स्वास्थ्य लाभ हो सकते हैं, इसके बारे में निम्नलिखित पैराग्राफ में जानकारी दी गई है:

    इम्यून सिस्टम का मजबूत होना: गिलोय खाली पेट पीने से आपके इम्यून सिस्टम को मजबूत किया जा सकता है। यह रक्त में लैब्डा सेल्स को बढ़ावा देता है, जो रोगों के खिलाफ संरक्षा करने में मदद करते हैं।

    अंशिक भोजन को पूरा करना: गिलोय खाली पेट पीने से आपके शरीर के न्यूट्रिएंट्स को अच्छी तरह से अवशोषित करने में मदद कर सकता है, खासतर जब आप दिन का पहला भोजन नहीं करते हैं।

    ब्लड प्रेशर कंट्रोल: गिलोय खाली पेट पीने से ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद कर सकता है, खासतर जिन लोगों का ब्लड प्रेशर उच्च होता है।

    पाचन को सुधारना: गिलोय खाली पेट पीने से पाचन प्रक्रिया को सुधार सकता है और अपच, गैस, और कब्ज की समस्याओं को कम कर सकता है।

    शरीर को शुद्ध करना: गिलोय खाली पेट पीने से आपके शरीर को शुद्ध करने में मदद कर सकता है, क्योंकि यह विषाक्ति को हटाने में मदद कर सकता है।

    गिलोय में कौन कौन से विटामिन पाए जाते हैं?

    गिलोय के औषधीय गुण, फायदे और नुकसान : जानें ये कारण

    गिलोय में कई प्रकार के विटामिन्स पाए जाते हैं, जो शरीर के स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करते हैं। निम्नलिखित हैं कुछ मुख्य विटामिन्स जो गिलोय में पाए जा सकते हैं:

    विटामिन सी (Vitamin C): गिलोय में विटामिन सी की अच्छी मात्रा पाई जाती है, जिसका इम्यून सिस्टम को मजबूत करने और रोगों के खिलाफ लड़ने में मदद करता है।

    विटामिन A (Vitamin A): गिलोय में विटामिन ए की भरपूर मात्रा होती है, जो आंतरिक और बाह्य सुरक्षा को बढ़ावा देता है, त्वचा और नेत्र स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है।

    विटामिन B (Vitamin B): गिलोय में विटामिन बी की छोटी मात्रा होती है, जो प्राकृतिक रूप से पाचन प्रक्रिया को सुधारने में मदद कर सकती है।

    विटामिन D (Vitamin D): गिलोय में विटामिन डी की भी कुछ मात्रा हो सकती है, जो कैल्शियम और फॉस्फेट के संरक्षण में मदद कर सकता है।

    विटामिन E (Vitamin E): गिलोय में विटामिन ई की मात्रा हो सकती है, जो शरीर को अच्छी तरह से ऑक्सीडेशन से बचाने में मदद कर सकता है।

    गिलोय को सेवन करते समय, आप ये विटामिन्स भी प्राप्त कर सकते हैं, जो आपके स्वास्थ्य को सुधारने में मदद कर सकते हैं। हालांकि गिलोय को औषधि के रूप में ही नहीं बल्कि भोजन के रूप में भी सेवन किया जा सकता है, इसके सेवन से संतुलित और स्वस्थ आहार के रूप में भी ये विटामिन्स प्राप्त किए जा सकते हैं।



    निष्कर्ष : Conclusion

    गिलोय, भारतीय आयुर्वेदिक और प्राकृतिक चिकित्सा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, और इसके स्वास्थ्य लाभ अनगिनत हैं। यह हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत करने, रक्तचाप को नियंत्रित करने, पाचन स्वास्थ्य को सुधारने, इंफेक्शन्स का इलाज करने, और डायबिटीज को नियंत्रित करने में मदद करता है। इसके सेवन के साथ हमें सावधान रहना चाहिए, और हमेशा अपने चिकित्सक से सलाह लेना चाहिए। गिलोय का इस्तेमाल आपके स्वास्थ्य को बेहतर बना सकता है, और यह हमारे पुराने आयुर्वेदिक धारणाओं को आज की जीवनशैली में जीवंत रखने का सबूत है।

    FAQ :-

    Qus1 क्या गिलोय गर्मी करती है?

    Ans गर्मियों में गिलोय का सेवन आपके पेट की गर्मी बढ़ाने का काम कर सकता है। दरअसल, इसकी तासीर गर्म है और इसका सेवन पेट की लाइनिंग को गर्म करता है।

    Qus2 गिलोय पीने का सबसे अच्छा समय क्या है?

    Ans संकेत: बुखार, गठिया, गठिया, पीलिया, एनीमिया, मूत्र विकारों में उपयोगी; इम्यूनो की कमी. उपयोग के लिए निर्देश: 15-30 मिलीलीटर गिलोय का रस पानी के साथ मिलाएं; सुबह और शाम खाली पेट या चिकित्सक के निर्देशानुसार सेवन करें।

    Qus3 क्या गिलोय रोज पी सकते हैं?

    Ans गिलोय के कुछ डंडियों लें और उन्हें एक गिलास पानी में तब तक उबालें जब तक कि पानी कम मात्रा में न रह जाए। पानी को छान लें और रोजाना इसका सेवन करें। यह आपके ब्‍लड को शुद्ध करने, विषाक्त पदार्थों को हटाने और रोग पैदा करने वाले बैक्टीरिया से लड़ने में मदद करेगा। आप भी इन 10 समस्‍याओं से बचने के लिए रोजाना गिलोय जूस लें।

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