भारत के 5 सबसे बड़े मंदिर | Top 5 Temple in India
इस लेख में दक्षिण भारत के मंदिरो के बारे में जानेगे जिसमे श्री रंगनाथम स्वामी मंदिर, पद्मनाभ स्वामी मंदिर, नटराजा मंदिर, मीनाक्षी अम्मन मंदिर, अन्नामलाई मंदिर जो भारत के सबसे अमीर मंदिर है ये भारत के सबसे अमीर top 5 temple है जिनके अनेको रहस्य ओर चमत्कार के कारण पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है इन मंदिरो के अनेको कथाये है जिनके बारे में विस्तार से जानेगे
1 श्री रंगनाथ स्वामी मंदिर | Sri Ranganatha Swamy Temple
यह मंदिर भारत के तमिलनाडु में तिरुचिरापल्ली शहर के श्रीरंगम नामक द्वीप पर स्थित है और यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है इस मंदिर में स्थापित भगवान विष्णु की मूर्ति को रंगनाथम स्वामी कहा जाता हिंदू धर्म में भगवान विष्णु को समर्पित है यह मंदिर काफी प्रसिद्ध है यह मंदिर तमिलनाडु में बहने वाली कावेरी नदी से घिरा हुआ है और यह भारत का पहला सबसे बड़ा मंदिर है यह मंदिर लगभग 156 एकड़ में फैला हुआ है और इस मंदिर की ऊंचाई 72 मीटर है और यह मंदिर वास्तु कला में निपुण है क्योंकि इस मंदिर की वास्तुकला काफी सुंदर बनाई गई है और इस मंदिर के निर्माण में इसकी वास्तुकला में तमिल शैली की झलक दिखाई देती है जिससे भक्तों श्रद्धालुओं को यह मंदिर अपनी और आकर्षित करता है
2 पद्मनाभस्वामी मंदिर | Padmanabhaswamy Temple
यह मंदिर भारत के केरल राज्य के तिरुअनंतपुरम में स्थित है और यह हिंदू धर्म के लोगों के लिए काफी प्रसिद्ध मंदिर है और यह भी मंदिर भगवान विष्णु को ही समर्पित है बताया जाता है कि यहां पर सबसे पहले विष्णु जी की मूर्ति मिली थी जिसके बाद भव्य मंदिर का निर्माण हुआ और आज वह मूर्ति इस मंदिर के गर्भ गृह में स्थित बड़े सिंहासन पर विराजमान है इस मंदिर के गर्भ गृह में 7 दरवाजे हैं जिनमें से कोर्ट के आदेश अनुसार 6 दरवाजे को खोला जा चुका है जिनमें से लगभग 132000 करोड़ का धन निकला था और उनमें से सातवें दरवाजे को खोला नहीं गया बताया जाता है कि इस दरवाजे को जिसने भी खोलने की कोशिश की है वह अचानक बीमार पड़ गए या फिर उसकी मृत्यु हो गई तो कोर्ट के आदेश अनुसार इस दरवाजे को खोलने के लिए मना कर दिया गया और कुछ पुजारी पंडितों का कहना है कि इस दरवाजे को नागपाश बंधन से बांधा गया है और जब इस दरवाजे के पास कान लगा कर सुना तो अंदर से पानी के बहने की आवाज और सांपों की आवाज सुनाई देती है और कहा जाता है कि इस दरवाजे के अंदर कुछ ना कुछ ऐसा है जिसकी रक्षा स्वयं नाग करते हैं
3 नटराजा मंदिर | Nataraja Temple
दक्षिण भारत में स्थित यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है यह तो आप जानते होगे कि नटराज भगवान शिव के अवतार माने जाते हैं और यह मंदिर दक्षिण भारत के तमिलनाडु के चिदंबरम गांव में स्थित है इसे चिदंबरम मंदिर भी कहा जाता है और यह हिंदू मंदिरों में से एक प्रसिद्ध मंदिर है इस मंदिर का निर्माण 10 वीं शताब्दी में चोल वंश के राजा भगवान नटराज को अपना कुलदेवता मानते थे जिसके कारण उन्हें इस मंदिर का निर्माण कार्य आरंभ कराया था यह मंदिर अपनी वास्तुकला के अनुसार काफी सुंदर और काफी मनमोहक है इस मंदिर की काफी ऊंचाई होने के कारण यह मंदिर 9 मंजिला है और इस मंदिर के ऊपर एक कलश रखा हुआ है जो कि सोने का है और यह मंदिर का क्षेत्रफल 106000 वर्ग मीटर है और यह मंदिर में काफी सुंदर वास्तुकला होने के कारण भक्त श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करता है
4 मीनाक्षी अम्मन मंदिर | Meenakshi Amman Temple
यह मंदिर दक्षिण भारत के मदुरई शहर में स्थित है यह मंदिर अपने आप में ऐतिहासिक मंदिर है और यह मंदिर भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है और इस मंदिर के अनेकों रहस्य हैं अनेकों चमत्कार है जिसके कारण यहां पर भक्तों श्रद्धालुओं की भीड़ काफी मात्रा में जुटती रहती है वैसे तो कुछ मान्यताओं के अनुसार इस मंदिर का निर्माण इंद्रदेव ने करवाया था जब वह तीर्थयात्रा पर निकले थे लेकिन तमिलनाडु साहित्य के अनुसार इस मंदिर का पुनर्निर्माण कुछ वर्षों पहले ही कराया गया है इस मंदिर का पुनर्निर्माण 1625 ईस्वी से 1655 ईस्वी के बीच कराया गया है और इस मंदिर का क्षेत्रफल 45 एकड़ का है
5 अन्नामलाई मंदिर | Annamalai Temple
यह मंदिर तमिलनाडु के तिरुवन्नमलाई जिले में स्थित है यह भगवान शिव का सबसे बड़ा मंदिर है और कुछ पौराणिक मान्यताओं के अनुसार यहीं पर ब्रह्मा जी को शिव जी ने श्राप दिया था और यह मंदिर अन्नामलाई पर्वत पर स्थित है जिससे इस मंदिर को अनामलाह मंदिर या अरुणाचलेश्वर मंदिर कहा जाता है और यदि इस मंदिर के निर्माण की बात करें तो इस मंदिर का निर्माण चोल वंश के राजा नैनों की शताब्दी में शुरू करवाया था यह मंदिर 10 एकड़ में फैला हुआ है और वर्तमान में यह मंदिर भारत के सभी बड़े मंदिरों में से एक है और कुछ मान्यताओं व पौराणिक कथाओं के अनुसार एक बार माता पार्वती ने भगवान शिव से अपनी आंखें बंद करने को कहा तो पूरी सृष्टि में अंधेरा छा गया तब कुछ पंडितों और पुजारियों ने भगवान शिव की तपस्या करके उन्हें प्रसन्न किया और आंखें खोलने को कहा तब भगवान शिव ने उनके आग्रह से अपनी आंखें खोली तब जाकर पूरे ब्रह्मांड में प्रकाश उत्पन्न हुआ और यह सब इसी स्थान पर हुआ था इसलिए इस स्थान को भगवान शिव के नाम से भी जाना जाता है जिनके कारण यह काफी प्रसिद्ध हो गया
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