मेहंदीपुर बालाजी का इतिहास | Mehandipur Balaji Temple

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Mehandipur Balaji Temple

मेहंदीपुर बालाजी का इतिहास | Mehandipur Balaji

वैसे तो भारत में अनेकों मंदिर है और उन मंदिरों के चमत्कार व रहस्य अनेकों है और जिनमें से एक मेहंदीपुर बालाजी महाराज जी का मंदिर है भारत में बीसवीं सदी में बहुत से मंदिर थे जिनके अनेकों चमत्कार और अनेकों रहस्य हैं इसलिए भारत को मंदिरों का देश भी कहा जाता है जिससे भक्त श्रद्धालु देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी इनकी ओर आकर्षित होते हैं और यह मंदिर राजस्थान के दौसा जिले में स्थित है और यह दो पहाड़ियों के बीच में मेहंदीपुर गांव में स्थित है इस मंदिर में आपको अनेकों प्रकार के विचित्र नजारे देखने को मिलेंगे अक्सर वहां पर जाने वाले लोग पहली बार वहां का नजारा देखकर हैरत में और डर में पड़ जाते हैं और हम आपको बता दें विज्ञान वैसे तो भूत प्रेत ऊपरी हवाओं को नहीं मानता लेकिन यह मंदिर भूत प्रेतों से ही प्रसिद्ध है और यहां पर हनुमान बाल रूप में विराजमान है जिसे देखकर विज्ञान भी हैरान है और इन्हीं सब कारणों की वजह से भक्त श्रद्धालु हनुमान जी के दर्शन करने आते हैं और अपने संकटों का निवारण करते हैं और इस मंदिर में अनेकों भूत प्रेत ऊपरी हवाओं से ग्रसित भक्त अपनी इन बातों से निजात पाते हैं और इस मंदिर में 3 देवताओं का महत्व सबसे ज्यादा माना जाता है पहले हैं बालाजी भगवान दूसरे हैं  प्रेतराज सरकार तीसरे हैं कोतवाल और यहां पर तीनों 1008 वर्ष पहले प्रकट हुए थे

मेहंदीपुर बालाजी मंदिर क्यों विशेष है | Mehandipur Balaji Mandir

Mehandipur Balaji Mandir

मेहंदीपुर बालाजी का मंदिर काफी प्रसिद्ध माना जाता है और यहां के जलवायु का भी पवित्र होती है जिसमें मन को शांति मिलती है और यहां भक्तों श्रद्धालुओं के लिए घूमने का एक विशेष स्थान है और यह मंदिर दो पहाड़ियों के बीच में बसा हुआ है इसे घाटे वाले मंदिर के नाम से भी जाना जाता है कुछ पौराणिक मान्यताओं के अनुसार यह मंदिर 1000 वर्ष पुराना है जिसमें बालाजी के बाल रूप की पूजा होती है और यह मूर्ति बालाजी के स्वयंभू मूर्ति में गिनी जाती है

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मेहंदीपुर बालाजी का प्रसाद घर क्यों नहीं लाते | Balaji Mandir

Balaji Mandir

मेहंदीपुर बालाजी जाने वाले भक्तों के लिए कुछ विशेष नियम भी होते हैं जिनका भक्तों को ध्यान अवश्य रखना चाहिए पौराणिक मान्यताओं के अनुसार बालाजी के दर्शन करने वाले भक्तों के लिए सबसे पहले नियम है कि उन्हें प्याज लहसुन नॉनवेज शराब इत्यादि का सेवन नहीं करना चाहिए और ऐसा भी कहा जाता है कि बालाजी के दर्शन मात्र से ही भक्त अपनी बाधाओं से मुक्ति प्राप्त कर लेते हैं मेहंदीपुर बालाजी जाने वाले भक्तों के लिए दूसरा नियम है कि वहां पर प्रसाद नहीं खाना चाहिए और वहां से कोई भी खाने पीने की चीज है सुगंधित चीज जैसे फूल फल इत्यादि घर नहीं लाने चाहिए ऐसा करने पर भक्तों बाधा में पड़ सकता है और यह नियम काफी पुराने बनाए हुए पुजारियों के हैं जो कि आज भी माने जाते हैं और मानना भी चाहिए



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